AR Rahman Birthday:
AR Rahman Birthday: एआर रहमान एक ऐसा नाम जो संगीत की दुनिया में प्रसिद्ध गायक है उन्हें कौन नहीं जानता है। दो बार ऑस्कर पुरस्कार जितने वाले रहमान के नाम पर कनाडा में सड़क का नाम भी रखा गया।
दुनिया भर मे अपनी आवाज़ का जादू चलाया और कई सदाबहार गीत गाये। आज 57वां जन्मदिन मानाने जा रहे ऐ आर रहमान। इस खास मौके पर हम आपको इनके कुछ दिलचस्प किससे बताते है।
फिल्मो मे संगीत का महत्व अतियंत होता है। एक अच्छी कहानी के साथ-साथ संगीत भी फ़िल्म की आत्मा की तरह होता है। संगीत ना केवल दर्शकों के भावनात्मक अनुभव को गहरा बनता है बल्कि कई बार फ़िल्म की यादो को भी ताज़ा रखता है।
कई बार फिल्में तो भूल जाती हैं, लेकिन उनके गाने लोगों की जुबान पर और दिलों में बस जाते हैं। यह एक म्यूजिक डायरेक्टर की सच्ची कला का प्रमाण होता है। इसलिए, संगीत का सही इस्तेमाल न केवल फिल्म को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकता है, बल्कि यह फिल्म की सफलता में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
दिलचस्प किससे
एआर रहमान का असली नाम दिलीप था
आपने ए.आर. रहमान के जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू की ओर इशारा किया है। ए.आर. रहमान, जिनका जन्म नाम ए.एस. दिलीप कुमार था, का जन्म एक हिन्दू परिवार में हुआ था। वह अपने पिता आर.के. शेखर के निधन के बाद गहरे आध्यात्मिक खोज में लग गए थे।
यह सही है कि रहमान ने अपनी युवावस्था में इस्लाम धर्म को अपनाया। यह परिवर्तन उनकी आध्यात्मिक यात्रा और उनकी मां के प्रभाव के चलते हुआ था। उन्होंने अपना नाम बदलकर अल्लाह रखा रहमान, जिसे संक्षिप्त में ए.आर. रहमान कहा जाता है, रख लिया।
रहमान की यह यात्रा उनके संगीत में भी परिलक्षित होती है, जहां वे विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के तत्वों को समाहित करते हैं। उनका संगीत न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जाता है, और उन्हें विश्व संगीत के एक श्रेष्ठ कलाकार के रूप में मान्यता प्राप्त है।
इनकी पहली फ़िल्म रोजा थीं
आपकी बात सही है, ए.आर. रहमान का संगीतकार के रूप में सिनेमाई सफर मणि रत्नम की प्रसिद्ध फिल्म ‘रोजा’ से शुरू हुआ था। 1992 में रिलीज़ हुई यह फिल्म न सिर्फ रहमान के लिए, बल्कि भारतीय सिनेमा के संगीत के लिए भी एक मील का पत्थर साबित हुई।
रोजा के संगीत के लिए रहमान का चयन, मणि रत्नम द्वारा इलैयाराजा की जगह किया गया एक बड़ा निर्णय था। इलैयाराजा उस समय तक दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक दिग्गज संगीतकार के रूप में स्थापित थे। इसलिए, रहमान का चयन एक बड़ी साहसिक कदम था।
रोजा के लिए रहमान को मिली फीस और उनकी सफलता की कहानी बहुत प्रेरणादायक है। यह फिल्म उनके संगीत करियर की शुरुआत थी और इसके लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन भी मिला था, जो कि उनके असाधारण प्रतिभा का प्रमाण है। रोजा के गाने अब तक लोगों के दिलों में बसे हुए हैं और यह फिल्म रहमान के संगीत करियर की एक शानदार शुरुआत थी।
छह राष्ट्रीय पुरस्कारों का सम्मान
विख्यात संगीतकार ए.आर. रहमान ने अपने अद्वितीय संगीत कौशल के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों में विशेष स्थान अर्जित किया है। उन्होंने कुल छह बार इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को अपने नाम किया है, जिसमें पांच बार उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए और एक बार सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड स्कोर के लिए सम्मानित किया गया है।
उनका पहला राष्ट्रीय पुरस्कार 1992 में ‘रोजा’ के लिए आया, इसके बाद 1996 में तमिल फिल्म ‘मीनसारा कनावु’, 2001 में ‘लगान’, 2002 में तमिल फिल्म ‘कन्नाथिल मुथमित्ताल’ और 2017 में तमिल फिल्म ‘काट्रु वेलियिदाई’ के लिए मिला। इसी वर्ष, उन्होंने हिंदी फिल्म ‘मॉम’ के लिए बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर के कैटेगरी में भी राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। रहमान की ये उपलब्धियां उनके संगीत की विविधता और गहराई को दर्शाती हैं।
ऑस्कर की ऊंचाइयां और हॉलीवुड में संगीत का जादू
ए.आर. रहमान की संगीत प्रतिभा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपार सफलता हासिल की है। विशेष रूप से, उन्हें 2008 की फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए दो ऑस्कर पुरस्कार मिले, जो उनके करियर की एक बड़ी उपलब्धि है। रहमान ने इस फिल्म के लिए अपनी संगीत कला का असाधारण प्रदर्शन किया, जिसके लिए विश्व स्तर पर उन्हें सराहा गया।
इसके अतिरिक्त, रहमान ने हॉलीवुड की अन्य प्रमुख फिल्मों जैसे ‘127 आवर्स’ और ‘लॉर्ड ऑफ वॉर’ के लिए भी अपने संगीत की छाप छोड़ी है। इन फिल्मों में उनके संगीत ने न केवल कहानी को गहराई प्रदान की, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी विशेष स्थान बनाया। रहमान का हॉलीवुड में योगदान उनकी संगीत प्रतिभा की वैश्विक पहचान और स्वीकृति का प्रमाण है।
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